शनिवार, 14 अक्टूबर 2017

दीपावली

अर्थ:
पर्व ये प्रकाश का, स्मृति और उल्लास का,
बुराई से उपवास का, अच्छाई के आभास का ।।

मौका:
रिश्तों के मर्म का, हिसाब स्वकर्म का ।

अन्त:
सीता के हरण का, रावण के मरण का ।
(सीता = स्व-अस्मिता)

ध्यान:
प्रभु के चरण का, उनकी दिव्य शरण का ।

उपदेश:
भाई के प्यार का और रक्षण अपनी नार का,
पापियों के उद्धार का, प्रभु की जयकार का ।।

बोलो - श्री रामचन्द्र की - जय !!
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वर्तमान सन्दर्भ में दीपावली:

"प्रकाश-पर्व या प्रदूषण-पर्व"

जब राम जी अयोध्या लौटे, कर रावण संहार,
घर-घर जले घी के दीये, अमावस्य बनी दिवाली त्यौहार ।

 शंका उसे पूरी थी, या आस्था की मजबूरी थी,
स्वागत में थी सिर्फ रौशनी, क्या सूचना अधूरी थी ।

"बिना बम-पटाखों के दिवाली, मातम है या त्यौहार है?"
यही परिभाषा उन 'सज्जन' की, हमारी मुश्किलों का सार है ।

सिर्फ शोर और  विषैला धुआँ, शायद यही नयी परिभाषा है,
दिनभर की मुस्कान पे भारी, अब धमाकों की निराशा है ।

मना नहीं है खुशी जताना,
पर, 'हे प्रदूषण -प्रेमी', ज़रा इतना बताना,
"क्या बस फटती रौशनी सी है जिन्दगानी ?
क्यों, शाश्वत लौ सा तेरा वज़ूद, बन रहा बस इक फ़साना ।।"

दीपावली मुबारक ! दीपों वाली दिवाली मुबारक !
प्रदूषण-रहित दीपावली मुबारक !!
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लेखनी:
अजय चहल 'मुसाफ़िर'
भारत

Pics Source: Internet



















Fact:
Humans can't survive in SOx and NOx.

May common sense prevail !! Jai Shri Ram !!









 

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